गुरुकुल कांगड़ी समविश्वविद्यालय के पूर्व आचार्य, उपकुलपति, और पूर्व कुलसचिव, प्रसिद्ध संस्कृत वैदिक विद्वान प्रो. महावीर अग्रवाल का आज लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया। उनके बड़े बेटे डॉ. रजत अग्रवाल ने यह जानकारी दी। प्रो. महावीर अग्रवाल के निधन की खबर से पूरे शिक्षा जगत में शोक की लहर दौड़ गई है। बताया जा रहा है कि प्रो. महावीर अग्रवाल पिछले कुछ समय से बीमार थे और उनका इलाज बेंगलुरु के एक अस्पताल में चल रहा था। डॉ. रजत अग्रवाल ने बताया कि उनके पार्थिव शरीर को मंगलवार को बेंगलुरु से हरिद्वार स्थित उनके आवास पर लाया जाएगा।
प्रो. महावीर अग्रवाल के निधन की सूचना मिलते ही शिक्षा जगत और आर्य जगत के विभिन्न विद्वानों ने इसे शिक्षा जगत और आर्य जगत के लिए एक अपूरणीय क्षति बताया है। समविश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. हेमलता के. और कुलसचिव प्रो. सुनील कुमार ने प्रो. महावीर अग्रवाल के निधन को विश्वविद्यालय के लिए एक अपूरणीय क्षति बताया और शिक्षा जगत और आर्य जगत में उनके द्वारा किए गए कार्यों को अविस्मरणीय और बहुमूल्य बताया। उन्होंने ईश्वर से उनके परिवार को इस दुख को सहन करने की शक्ति देने की प्रार्थना की। उन्होंने कहा कि प्रो. महावीर अग्रवाल को शिक्षा के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए हमेशा याद किया जाएगा।
प्रो. महावीर अग्रवाल को शिक्षा के क्षेत्र में उनके बहुमूल्य योगदान के लिए राष्ट्रपति द्वारा सम्मानित किया गया था। वे विभिन्न विश्वविद्यालयों की समितियों के सदस्य भी रहे। इसके अलावा, उन्होंने उत्तराखंड संस्कृत अकादमी के सचिव, उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति और पतंजलि विश्वविद्यालय के प्रति कुलपति के रूप में भी अपनी सेवाएं दीं। उनके परिवार में उनकी पत्नी, दो बेटे और एक बेटी हैं।
2025-03-17