हरकी पैड़ी समेत अन्य मंदिरों में सुबह की आरती नहीं हुई
हरिद्वार। इस साल का दूसरा सूर्य ग्रहण खत्म हो गया। 27 साल के बाद दिवाली के ठीक दूसरे दिन सूर्य ग्रहण लगा था। सूर्य ग्रहण की अवधि खत्म होने के बाद बड़ी संख्या में लोगों ने हरकी पैड़ी सहित गंगा के विभिन्न घाटों पर गंगा में आस्था की डुबकी लगाई। मंगलवार शाम सदी के आखिरी सूर्य ग्रहण का सूतक खत्म होते ही श्रद्धालुओं ने विभिन्न घाटों पर गंगा में डुबकी लगायी। स्नान के बाद श्रद्वालुओं ने दान देकर पुण्य कमाया। वही मंगलवार को सूर्य ग्रहण के सूतक के कारण सुबह की गंगा आरती नहीं हुई। सुबह 4 बजे के बाद ही तीर्थनगरी के मंदिरों को बंद कर दिया गया था। ग्रहण समाप्त होने के बाद शाम को हर की पैड़ी पर गंगा आरती हुई। आरती से पहले स्थानीय लोगों ने हरकी पैड़ी पर गंगा स्नान किया। दीपावली के एक दिन बाद सूर्य ग्रहण शाम चार बजकर 29 मिनट पर शुरू होकर शाम 6 बजकर 9 मिनट पर खत्म हुआ। ग्रहण काल से करीब 12 घंटे पहले सूतक काल सुबह चार बजे शुरू हो गया था। जिसके चलते हरकी पैड़ी समेत अन्य मंदिरों में सुबह की आरती नहीं हुई और सूतक काल में धर्मनगरी के विभिन्न मंदिर भी बंद रहे। मान्यता है कि ग्रहण काल में किया गया जप, तप और दान अश्वमेघ यज्ञ के बराबर होता है। दीपावली के अगले ही दिन सूर्य ग्रहण होने के कारण मंगलवार को सुबह से मठ मंदिरों में ताला लगा रहा। हरकी पैड़ी गंगा घाट पर गंगा मंदिर समेत सभी मंदिर सूतक के चलते बंद रहे। सूतक के कारण हरकी पैड़ी पर होने वाली सुबह की गंगा आरती भी नहीं की गयी। सूर्य ग्रहण काल के दौरान गंगा घाट के आसपास श्रद्धालु जप करते दिखे। ग्रहण काल खत्म होने के बाद गंगा घाट पर काफी संख्या में श्रद्धालु गंगा घाट पर स्नाान करने पहुंचे। शाम को ग्रहण समाप्त होने के बाद यात्रियों के अलावा स्थानीय लोगों ने भी गंगा स्नान किया। ग्रहण समाप्त होने के बाद शहर के कई हिस्सों में लोगों ने आतिशबाजी भी की।