हरिद्वार: आयुर्वेद के वृहद और प्राचीन विज्ञान पर आधारित औषधि थायरोग्रिट पर किया गया अनुसन्धान विश्व प्रसिद्ध रिसर्च जर्नल में प्रकाशित हुआ है। हाइपोथायरोडिज्म दुनिया भर में एक आम बीमारी के रूप में पैर पसार रही है लेकिन इससे हृदय रोग,इनफर्टिलिटी और बच्चों के मस्तिष्क विकास में बाधा जैसे दुष्प्रभाव उत्पन्न हो रहे हैं। मॉडर्न चिकित्सा जगत में इस भयावह परन्तु आम बीमारी के लिए मात्र ही उपलब्ध है या फिर रोगी जीवन पर्यन्त दवाइयां लेने के लिए बाध्य है। पतंजलि द्वारा जनमानस को इस रोग से मुक्ति दिलाने के उद्देश्य के साथ, आयुर्वेद के वृहद और प्राचीन विज्ञान को आधार बना कर हर्बल औषधि थ्योगरिअ का निर्माण किया गया। इस औषधि पर किए गए शोध ने यह प्रमाणित किया कि यह औषधि चूहे के भीतर उत्पन्न हाइपोथायरोडिज्म की समस्या को ठीक करने में सक्षम है। आयुर्वेदिक औषधि थायरोग्रिट,हाइपोथायरोडिज्म से प्रभावित गलगण्ड ग्रंथि (ज्ीलतवपक) को रोगमुक्त कर इससे होने वाली गुर्दे की हानि को भी समाप्त करती है।पतंजलि के लिए यह गर्व का क्षण है कि यह शोध विश्व प्रतिष्ठित रिसर्च जर्नल में प्रकाशित हुआ है,जिससे समकालीन वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं को भी नवीन आयुर्वेदिक औषधि अनुसन्धान के बारे में जानकारी मिलेगी।इस अवसर पर आचार्य बालकृष्ण जी ने कहा कि पतंजलि का यह शोध विश्वभर में थायरॉयड की समस्या से ग्रसित व्यक्तियों के जीवन में एक नवऊर्जा का संचार करेगा। पतंजलि से जुड़े सभी कर्मयोगी दृढ़संकल्पित हो कर विश्व को रोग मुक्त करने के इस अभियान में तन-मन-धन से समर्पित हैं और हमेशा रहेंगे।
2024-06-26