भ्रष्टाचार के खिलाफ शुक्रवार को विजिलेंस टीम ने एक बड़ी सफलता हासिल करते हुए नैनीताल के मुख्य कोषाधिकारी (सीटीओ) दिनेश राणा और उनके अकाउंटेंट बसंत जोशी को 1.20 लाख रुपये की घूस लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया। यह कार्रवाई विभिन्न न्यायाधीशों के निजी सहायकों (पीए) के एसीपी (Assured Career Progression) लाभ की फाइल पर हस्ताक्षर करने में देरी और रिश्वत की मांग के चलते की गई।
जानकारी के अनुसार, जनपद नैनीताल के विभिन्न न्यायाधीशों के पीए के एसीपी लाभ के मामले काफी समय से लंबित थे। इससे परेशान होकर संबंधित कर्मचारियों ने जिला जज नैनीताल को एक प्रार्थना पत्र सौंपा था। इस मामले की गंभीरता को देखते हुए जिला जज ने एक कमेटी का गठन किया, जिसकी अध्यक्षता प्रथम अपर जिला जज हल्द्वानी को सौंपी गई। इस कमेटी में प्रथम जिला जज नैनीताल और मुख्य कोषाधिकारी दिनेश राणा भी सदस्य थे। कमेटी के अन्य दो सदस्यों, अपर जिला जज हल्द्वानी और प्रथम जिला जज नैनीताल ने एसीपी की फाइलों पर हस्ताक्षर कर दिए थे, लेकिन मुख्य कोषाधिकारी दिनेश राणा ने इन फाइलों को अटका कर रखा था।
शिकायत में यह आरोप लगाया गया कि मुख्य कोषाधिकारी दिनेश राणा ने अकाउंटेंट बसंत जोशी के माध्यम से एसीपी की फाइलों पर हस्ताक्षर करने के एवज में प्रत्येक कर्मचारी से 30-30 हजार रुपये की रिश्वत की मांग की थी। इस भ्रष्टाचार की शिकायत कर्मचारियों द्वारा पहले जिला जज से की गई थी, जिसके बाद विजिलेंस सेक्टर हल्द्वानी को इस मामले की जांच सौंपी गई।
विजिलेंस टीम ने शिकायत को गंभीरता से लेते हुए एक ट्रैप टीम का गठन किया। गुरुवार को इस टीम ने योजनाबद्ध तरीके से कार्रवाई करते हुए मुख्य कोषाधिकारी दिनेश राणा और अकाउंटेंट बसंत जोशी को उस समय रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया, जब वे शिकायतकर्ताओं से 1.20 लाख रुपये की घूस ले रहे थे।
गिरफ्तारी के बाद विजिलेंस टीम ने दोनों आरोपियों के आवास और अन्य संभावित ठिकानों पर भी छापेमारी की। फिलहाल, दोनों आरोपियों से पूछताछ जारी है और इस मामले से जुड़े अन्य पहलुओं की भी जांच की जा रही है।
इस सफल कार्रवाई पर निदेशक सतर्कता डॉ वी मुरुगेशन ने ट्रैप टीम को नकद इनाम देने की घोषणा की है। उन्होंने राज्य के सभी सरकारी विभागों में कार्यरत अधिकारियों और कर्मचारियों से अपील की है कि यदि कोई भी अधिकारी या कर्मचारी रिश्वत की मांग करता है, तो वे तत्काल विजिलेंस के टोलफ्री हेल्पलाइन नंबर 1064 और व्हाट्सएप नंबर 9456592300 पर संपर्क कर इसकी सूचना दें। विजिलेंस विभाग भ्रष्टाचार के खिलाफ अपनी मुहिम को जारी रखेगा और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित करेगा।
2025-05-09