पद बड़ा नहीं होता, अखाड़ा सर्वोच्च
हरिद्वार। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद एवं मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज ने कहा है कि सभी तेरह अखाड़े एक हैं और एक ही रहेंगे। यदि कोई संत अखाड़े की पंरपरांओं की अवेहलना करता है तो अखाड़ा उसे हटा सकता है। अखाड़ा परिषद अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज ने कहा कि पद बड़ा नहीं होता है। अखाड़ा सर्वोच्च है। अखाड़े से ही संतों की पहचान है। सभी संत महंतों को अखाड़े के नियमों और वरिष्ठ संतों का सम्मान करना चाहिए। तभी अखाड़ा उन्नति करता है। उन्होंने कहा कि अखाड़ों से संबंद्ध संतों का निजी कुछ नहीं होता है। उनका पूरा जीवन अखाड़े को समर्पित रहता है। यदि कोई संत महंत अखाड़े की परंपरांओं के विपरीत कार्य करता है और अखाड़े को नुकसान पहुंचाता है तो अखाड़े के पंचों को उसे अखाड़े से बाहर निकालने का पूरा अधिकार है। उन्होंने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से श्री पंचायती अखाड़ा बड़ा उदासीन के कोठारी महंत मोहनदास के गायब होने की सीबीआई जांच कराने की मांग करते हुए कहा कि महंत मोहनदास को गायब हुए 6 वर्ष बीत चुके हैं। लेकिन आज तक उनका कुछ पता नहीं चल पाया। सरकार को उनके लापता होने के प्रकरण की सीबीआई जांच करानी चाहिए और इसमें संलिप्त सभी लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए।