श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़े की पवित्र छड़ी यात्रा शुक्रवार को उत्तराखंड के पौराणिक तीर्थों के भ्रमण के लिए हरिद्वार से रवाना हो गई।
- रवानगी: अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर श्रीमहंत अवधेशानंद गिरि महाराज ने माया देवी मंदिर तथा श्रीआनंद भैरव मंदिर में पूजा अर्चना के पश्चात छड़ी यात्रा को रवाना किया।
- यात्रा का उद्देश्य: आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि महाराज और श्रीमहंत हरि गिरि महाराज ने बताया कि यात्रा का उद्देश्य उत्तराखंड के हर क्षेत्र का विकास, लोगों को रोजगार, उपेक्षित तीर्थ स्थलों का जीर्णोद्धार करना और पर्यटन को बढ़ावा देना है। साथ ही, पलायन रोकना और सीमावर्ती क्षेत्रों में उच्च शिक्षण संस्थान व सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल स्थापित करना भी लक्ष्य है।
- मार्ग और स्वागत: हरिद्वार से रवाना होने के पश्चात छड़ी यात्रा का गोकर्ण आश्रम, भल्ला गिरि आश्रम व स्वतंत्र पुरी आश्रम में स्वागत हुआ। शुक्रवार को छड़ी यात्रा ऋषिकेश में तारादेवी मंदिर, त्रिवेणी घाट, दुर्गा मंदिर, दत्तात्रेय मंदिर, मायाकुंड, भरत मंदिर पहुंची, जहाँ हजारों संतों व भक्तों ने स्वागत किया।
- रात्रि विश्राम: गंगा की पूजा-अर्चना के पश्चात यात्रा ने रात्रि विश्राम ऋषिकेश में किया।
- सहभागी: यात्रा में लगभग सौ नागा संन्यासियों का जत्था जा रहा है। इसमें श्रीमहंत हरि गिरि महाराज, श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज और अन्य प्रमुख संत शामिल हैं।











