*मशरूम की विभिन्न प्रजातियों के उत्पादन,प्रसंस्करण,पैकेजिंग पर विशेषज्ञ देंगे जानकारियां-बवेजा*
उत्तराखंड राज्य के उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण के निदेशक डॉ हरमिंदर सिंह बवेजा ने बताया कि आजादी का अमृत महोत्सव के अन्तर्गत उद्यान विभाग द्वारा पहली बार तीन दिवसीय अन्तर्राष्ट्रीय मशरूम महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। खुम्ब हर द्वार’’ के ध्येय वाक्य को लेकर महोत्सव 18 से 20 अक्टूबर को ऋषिकुल राजकीय आयुर्वेद महाविद्यालय में किया जा रहा है। हरिद्वार जनपद का चयन ‘‘एक जनपद एक उत्पाद’’ के तहत किया गया है। इस महोत्सव का शुभारम्भ सोमवार को राज्य के कृषि मंत्री सुबोध उनियाल करेंगे। महोत्सव के सम्बन्ध में रविवार शाम पत्रकारों से वार्ता करते हुए श्री बवेजा ने कहा कि महोत्सव में अंतर्राष्ट्रीय, राष्ट्रीय व राज्य के प्रगतिशील मशरूम उत्पादक, कृषक, विभिन्न शोध संस्थाओं, विश्वविद्यालयों के वैज्ञानिकों द्वारा प्रतिभाग कर मशरूम की विभिन्न प्रजातियों के उत्पादन, प्रसंस्करण व पैकेजिंग में नवीनतम तकनीकी के सम्बन्ध में अपने अनुभव एवं ज्ञान से लाभान्वित किया जायेगा। मशरूम की विभिन्न प्रजातियों एवं मशरूम के उत्पादों का प्रदर्शन भी किया जायेगा। सरकार का लक्ष्य मशरूम उत्पादन में उत्तराखण्ड को देश में प्रथम लाने के साथ साथ स्वरोजगार को बढ़ावा देना है। बताया कि इस महोत्सव में विभिन्न औद्यानिक यन्त्रों/मशीनों के उत्पादक फर्मों व कम्पनियों, सूक्ष्म सिचाईं प्रणाली से सम्बन्धित फर्मों/कम्पनियों, विभिन्न पौधशालाओं के स्वामियों, खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में कार्य कर रही फर्मों/कम्पनियों, जैविक उर्वरक, कीट/व्याधि नाशक फर्मों/कम्पनियों के द्वारा अपने उत्पादों का सजीव प्रदर्शन करने हेतु 40 से अधिक स्टाॅल लगाये जायेगें। विदेशों (थाईलैंण्ड, मलेशिया, नीदरलैण्ड, जापान इत्यादि)के मशरूम विशेषज्ञों द्वारा विदेशों में मशरूम उत्पादन की नवीनतम तकनीकी का प्रस्तुतिकरण कर लाभान्वित किया जायेगा। डा0 बवेजा ने बताया कि मशरूम उत्पादन के माध्यम से भूमिहीन बेरोजगार नवयुवकों को स्वरोजगार प्राप्त होने के साथ-साथ कास्तकारों को आय के अन्य साधन मिलने से प्रधानमंत्री के ‘‘संकल्प से सिद्धि’’ के अन्तर्गत कृषकों की आय दोगुनी करने के उद्देश्य की पूर्ति भी की जा सकती है। बताया कि विश्व में मशरूम का कुल 43 मिलिटन टन है, जिसमें से भारत मंे मशरूम का उत्पादन लगभग 2.40 लाख मै0टन है, उत्तराखण्ड राज्य में मशरूम का उत्पादन लगभग 17000 मै0टन है, जो कि भारत में उत्पादन का 7 प्रतिशत है। उत्तराखण्ड में मशरूम उत्पादन की अपार सम्भावनायें विद्यमान हैं, राज्य के समस्त जनपदों में मशरूम का उत्पादन किया जाता है।मशरूम उत्पादन की दृष्टि से देश में उत्तराखण्ड का सातवां स्थान है,जिसकी सम्भावनाओं के दृष्टिगत उत्पादन में वृद्धि कर उत्तराखण्ड को अग्रणी राज्यों की श्रेणी में लाया जा सकता है। मशरूम इकाईयों की स्थापना की जारी है, जिसके फलस्वरूप स्थानीय तौर पर नवयुवकों को पर्याप्त में रोेजगार प्राप्त हो रहा है। वर्तमान तक प्रदेश में लगभग रू0 160 करोड का पूंजी निवेश इकाईयों की स्थापना में किया जा चुका है तथा प्रतिवर्ष लगभग रू0 20 करोड का व्यवसाय किया जा रहा है। डा0 बवेजा द्वारा बताया गया कि उद्यान विभाग के अन्तर्गत जनपदों के कार्यरत 100 से अधिक सहायक विकास अधिकारियों को प्रशिक्षित कर ‘‘मशरूम विशेषज्ञ’’ बनाया जायेगा,जिनके द्वारा मैदानी क्षेत्रों के साथ-साथ मुख्य रूप से पर्वतीय क्षेत्रों के भूमिहीन बेरोजगार नवयुवकों को प्रशिक्षित कर स्वरोजगार से जोड़ने हेतु एवं कृषकों को आय के अन्य साधन प्रदान करने हेतु प्रोत्साहित किया जायेगा। प्रधानमंत्री द्वारा घोषित आत्म निर्भर भारत अभियान के अन्तर्गत प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्यम उन्नयन योजनान्तर्गत‘‘एक जनपद एक उत्पाद’’ के तहत हरिद्वार जनपद का चयन किया गया है। इस दौरान संजय श्रीवास्तव, जेसी जैन, डॉ रत्न कुमार,मनमोहन भारद्वाज, हिरेशा वर्मा, जिला उद्यान अधिकारी नरेंद्र यादव, अरुण पांडे सहित विभाग के अधिकारी आदि उपस्थित थे।