अपने को आईपीएस बताकर पुलिस पर रौब झाड़ना पड़ा महंगा, भेजा गया जेल

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फर्जी आईपीएस बनकर पुलिस पर रौब दिखाने का प्रयास करते हुए एक युवक को पुलिस ने गिरफ्रतार कर लिया। पुलिस के अनुसार एक व्यक्ति द्वारा क्षेत्राधिकारी नगर को स्वयं को 2018 बैच का आई0पी0एस0 अधिकारी बताते हुए अपने व अपनी दोस्त के लिए कोतवाली नगर पुलिस को अपने लिए रहने के लिए गेस्ट हाउस व साथ चलने के लिए एक कॉन्स्टेबल की मांग करने लगे, उक्त व्यक्ति की बातों पर शक होने पर क्षेत्राधिकारी नगर ने नगर कोतवाली प्रभारी के नेतृत्व में टीम बनाकर उक्त व्यक्ति के संबंध में जानकारी जुटाने हेतु कहा गया, जानकारी जुटाने के पश्चात ज्ञात हुआ कि उक्त नाम 2018 बैच का कोई भी आईपीएस अधिकारी नहीं है। इसी बीच वह व्यक्ति कोतवाली नगर हरिद्वार पहुंच गया और एस0एस0आई0 कोतवाली नगर हरिद्वार को अपने पद का रौब दिखाते हुए रहने खाने पीने एवं वाहन आदि की व्यवस्था करने हेतु कहने लगा, कोतवाली नगर कार्यालय में बिठाकर पुलिस द्वारा व्यक्ति को आईडी दिखाने कहा गया तो वह शकपकाने लगा, सख्ती से पूछताछ की गई तो उसने बताया कि वह यू0पी0एस0सी0 की तैयारी कर रहा है,साथ ही विधि की पढ़ाई भी कर रहा है। पूछताछ में उसने अपना नाम सागर वाघमारे पुत्र न्यानोबा वाघमोड़े, निवासी फ्लैट नंबर 302, दत्तात्रेय कॉन्प्लेक्स, सी विंग, थाना निरूल, जिला ठाणे नवी मुंबई,महाराष्ट्र उम्र 28 वर्ष बताया। पुलिस पूछताछ में बताया कि पिछले 2 दिन से उत्तराखंड भ्रमण पर अपनी एक महिला मित्र के साथ आया था और मैंने यह सोचा था की आईपीएस अधिकारी बताकर पुलिस से सुविधाएं प्राप्त कर लूंगा तत्पश्चात उक्त व्यक्ति को नियम अनुसार गिरफ्तार कर उसके विरुद्ध अंतर्गत धारा 419,170 आईपीसी का अभियोग पंजीकृत कर कल माननीय न्यायालय में पेश किया जाएगा। फर्जी आईपीएस को पकड़ने वाली पुलिस टीम में नगर क्षेत्राधिकारी अभय प्रताप सिंह, सहायक पुलिस अधीक्षक सुश्री विशाखा भदाने के अलावा नगर कोतवाली प्रभारी राकेंद्र कठैत ,एसएसआई अरविंद रतूड़ी,सिपाही शशिकांत त्यागी तथा राजेश सेमल्टी शामिल रहे।