सरकार की अब तक की सबसे बड़ी नासमझी और चूक- राजीव महर्षि
देहरादून। उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस के चीफ मीडिया कोऑर्डिनेटर राजीव महर्षि ने सौंग वाटर ट्रीटमेंट प्लांट के नाम पर खलंगा क्षेत्र के नौ हजार बेशकीमती साल के वृक्षों को काटने का तीव्र विरोध करते हुए प्रदेश की धामी सरकार को अब तक की सबसे बड़ी नासमझी और चूक करने वाली सरकार बताया है। उन्होंने कहा कि विकास परियोजना के नाम पर सदियों पुराने साल के जंगल की बलि लेना ठीक वैसा ही है जैसा कोई नीम हकीम गुर्दा प्रत्यारोपण के नाम पर शरीर से फेफड़े काट दे। उसे यह पता ही नहीं है कि फेफड़े निकाल देने के बाद शरीर निर्जीव हो जायेगा।महर्षि ने कहा कि हम विकास के विरोधी नहीं हैं लेकिन देहरादून में जिस तेजी से प्रदूषण बढ़ रहा है, उसकी रोकथाम यही जंगल कर रहे हैं और सरकार की नासमझी इसी से स्पष्ट हो जाती है कि वह इस जंगल को नेस्तनाबूत करने पर आमादा है। महर्षि आज खुद खलंगा के लोगों द्वारा चलाए जा रहे विरोध प्रदर्शन को समर्थन देने मौके पर पहुंचे और उन्होंने लोगों को भरोसा दिया कि उनके आंदोलन में कांग्रेस पार्टी हरसंभव सहयोग देगी, क्योंकि यह सवाल देहरादून के अस्तित्व से जुड़ा हुआ है।महर्षि ने जोर देकर कहा कि राज्य सरकार बेशकीमती वृक्षों के बलिदान से पूर्व एक बार पुनर्विचार करने का कष्ट करे। वरना बाद में उसे पछतावे के सिवाय कुछ हाथ नहीं लगेगा। महर्षि के साथ अनेक कांग्रेसजन भी मौजूद थे। उनमें मुख्य रूप से राम सिंह थापा पूर्व अध्यक्ष बलभद्र थापा स्मारक समिति, प्रभा शाह महासचिव बलभद्र समिति,बीना गुरुग उपाध्यक्ष बलभद्र समिति,सचिन त्रिवेदी पूर्व उपाध्यक्ष डीएवी पीजी कॉलेज,परितोष सिंह उपाध्यक्ष देव पीजी कॉलेज,विकास नेगी सचिव, युवा कांग्रेस के सागर सेमवाल विधानसभा अध्यक्ष राजपुर यूथ कांग्रेस,पुलकित चौधरी,हरीश जोशी,अभिनय बिष्ट अखिल, शरद, आदर्श सचिन डोभाल अंकित सिसोदिया आदि शामिल थे।
बिना विस्थापन बेकसूर लोगों को उजाड़ने पर आमादा है भाजपा सरकार: राजीव महर्षि
आरोप – भाजपा ने आठ साल तक वोटों की फसल काटी, अब उजाड़ने पर आमादा
देहरादून। उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस के चीफ मीडिया कोऑर्डिनेटर राजीव महर्षि ने बिना विस्थापन नदी-नालों के किनारे स्थित बस्तियों में रह रहे लोगों को उजाड़ने की तैयारी को लेकर भाजपा की सरकार को आड़े हाथ लेते हुए कहा है कि राज्य सरकार सिर्फ लोकसभा चुनाव संपन्न होने का इंतजार कर रही थी। चुनाव होते ही भाजपा की जनविरोधी चेहरा सामने आ गया है। महर्षि ने जारी बयान में कहा कि वर्ष 2016 में कांग्रेस सरकार ने अनेक कालोनियों को नियमित करने का निर्णय लिया था, यह प्रस्ताव विधानसभा से पारित हुआ था लेकिन अगले साल भाजपा की सरकार आने के बाद उस प्रस्ताव को ठंडे बस्ते में डाल दिया था। उसी का नतीजा है कि वर्षों से इन बस्तियों में रहने वाले लोगों का भविष्य आज दांव पर है। सरकार के पास कोई वैकल्पिक प्लान नहीं है जबकि उन बस्तियों में रह रहे लोग इस प्रदेश के नागरिक हैं। उन्होंने कहा कि आज एनजीटी और हाईकोर्ट के नाम पर गरीब बेसहारा लोगों को उजाड़ने की तैयारी हो रही है,उन्होंने सवाल किया कि जब ये बस्तियां अस्तित्व में आ रही थी,तब सरकारी तंत्र क्यों सोया रहा। महर्षि ने साथ ही यह भी पूछा कि यदि उक्त बस्तियां अवैध हैं तो ऊर्जा निगम और जल निगम ने किस आधार पर वहां बिजली पानी के कनेक्शन दिए। उन्होंने कहा कि बिजली,पानी,सड़क की सुविधा अपने आप तो हुई नहीं, पिछले आठ साल से प्रदेश में भाजपा की सरकार है तो जाहिर है कि भाजपाइयों ने ही वोट की फसल काटने के लिए यह कुचक्र रचा और अब जिम्मेदारी लेने की बात आई तो बेकसूर लोगों को सड़क पर लाने की तैयारी की जा रही है।महर्षि ने कहा कि वर्ष 2017 से लोकसभा,विधानसभा से लेकर नगर निगम तक के आधा दर्जन चुनाव हो चुके हैं,उन्होंने पूछा कि सबका साथ सबका विकास का राग अलापने वाली भाजपा ने पिछले आठ साल में क्यों नहीं इस मुद्दे का समाधान किया?उन्होंने कहा कि कांग्रेस किसी को अंधेरे में नहीं रखना चाहती और न ही एनजीटी अथवा अदालत की अवमानना का इरादा है, सवाल सिर्फ इतना है कि पिछले आठ साल से भाजपा सरकार ने क्यों अवैध बस्तियों के लोगों को अंधेरे में रखा। राजीव महर्षि ने कहा कि पहले चरण में देहरादून नगर निगम द्वारा रिस्पना नदी के किनारे काठ बंगला से मोथरोवाला तक की 27अवैध बस्तियां चिन्हित की गई हैं। उन्होंने पूछा कि सरकार बताए कि इन लोगों के भविष्य का क्या होगा? उनके बच्चों का क्या होगा और सबसे बड़ा सवाल यह है कि तपते मौसम ने वे लोग कहां जायेंगे जबकि इसी सरकार के कार्यकाल में स्थिति विकराल हुई है।उन्होंने कहा कि यह तो पहले चरण का मामला है जबकि देहरादून नगर निगम क्षेत्र में इस तरह की कुल 129बस्तियां हैं उनमें करीब 40हजार से अधिक भवन हैं। यदि प्रत्येक घर में पांच लोगों की संख्या भी मान ली जाए तो इस तरह करीब दो लाख की आबादी पर बर्बादी की तलवार लटकी हुई है।कांग्रेस के चीफ मीडिया कोऑर्डिनेटर ने आरोप लगाया कि वोट की खातिर भाजपाइयों ने अवैध बस्तियों को मौका दिया और अब चुनाव निपट जाने के बाद उन्हें उजाड़ने की साजिश की जा रही है। उन्होंने कहा कि यह प्रभावित होने वाले लोगों के जीवन जीने के अधिकार का हनन है और सरकार को इन बस्तियों को उजाड़ने से पहले उनके पुनर्वास का प्रबंध करना चाहिए,वरना कांग्रेस प्रभावित होने वाले लोगों के पक्ष में संघर्ष से पीछे नहीं रहेगी।