कांवड़ यात्रा 2025: शुद्ध भोजन और सुरक्षित दवाइयों के लिए विशेष अभियान

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देहरादून/ऋषिकेश: उत्तराखंड सरकार ने कांवड़ यात्रा 2025 के सफल संचालन और श्रद्धालुओं की सुविधाओं को सुनिश्चित करने के लिए व्यापक प्रबंध किए हैं, जिनकी कांवड़ियों ने सराहना की है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन (FDA) विभाग ने यात्रा मार्गों पर लगातार निगरानी और निरीक्षण अभियान चलाया है, ताकि कांवड़ियों को सुरक्षित, शुद्ध और गुणवत्ता युक्त भोजन और दवाइयां मिल सकें।

खाद्य सुरक्षा: स्वच्छता और गुणवत्ता पर जोर

FDA के अपर आयुक्त ताजबर सिंह जग्गी के नेतृत्व में एक विशेष निरीक्षण अभियान चलाया गया। टीम ने ऋषिकेश, डोईवाला और अन्य कांवड़ यात्रा मार्गों पर होटलों, रेस्टोरेंटों और ढाबों का गहन निरीक्षण किया। इस दौरान खाद्य सामग्री की स्वच्छता, भंडारण की स्थिति, किचन की सफाई और कर्मचारियों की स्वच्छता का जायजा लिया गया। संदिग्ध खाद्य पदार्थों के सैंपल लेकर जांच के लिए प्रयोगशाला भेजे गए हैं। कई स्थानों पर फूड लाइसेंस न पाए जाने पर संबंधित व्यापारियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की गई।

फूड लाइसेंस का प्रदर्शन अनिवार्य

अधिकांश प्रतिष्ठानों में फूड लाइसेंस स्पष्ट रूप से दुकान के बाहर प्रदर्शित पाए गए, जिससे कांवड़ियों को विश्वसनीय स्थानों पर भोजन चुनने में मदद मिल रही है। अपर आयुक्त जग्गी ने बताया कि विभाग ने पहले ही निर्देश जारी किए थे कि सभी खाद्य विक्रेताओं को अपना वैध फूड लाइसेंस प्रमुख स्थान पर प्रदर्शित करना अनिवार्य है।

कांवड़ियों ने सराही सरकारी व्यवस्थाएं

निरीक्षण के दौरान अपर आयुक्त और विभागीय टीम ने कई कांवड़ यात्रियों से सीधा संवाद किया, जिन्होंने सरकार और प्रशासन की तैयारियों की सराहना की। यात्रियों का कहना था कि इस बार यात्रा मार्ग पर बेहतर सुविधाएं उपलब्ध हैं, खाने की गुणवत्ता बेहतर है, और फूड लाइसेंस के प्रदर्शन से उन्हें सुरक्षित भोजन स्थान चुनने में आसानी हो रही है। खाद्य सुरक्षा विभाग ने यात्रा मार्ग पर विशेष मोबाइल टीमें भी तैनात की हैं, जो गुणवत्ता या स्वच्छता संबंधी शिकायतों पर तत्काल कार्रवाई करेंगी।

औषधि प्रतिष्ठानों पर भी कड़ी कार्रवाई

विभागीय टीम ने देहरादून जनपद के ऋषिकेश और डोईवाला क्षेत्रों में 15 औषधि विक्रय फर्मों का आकस्मिक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान कई अनियमितताएं पाई गईं, जिसके आधार पर दो औषधि प्रतिष्ठानों को मौके पर ही बंद कर दिया गया। इनमें से एक फर्म के विरुद्ध लाइसेंस निरस्तीकरण की सिफारिश भी की गई। शेष फर्मों को कड़ी चेतावनी देते हुए लाइसेंस की शर्तों का कड़ाई से पालन करने के निर्देश दिए गए।

बंद किए गए औषधि प्रतिष्ठान:

* माही मेडिकोज, दुर्गा चौक, जॉलीग्रांट, देहरादून: फार्मासिस्ट की अनुपस्थिति, भंडारण मानकों का उल्लंघन और सीसीटीवी कैमरों की कमी के कारण बंद किया गया।
* पनवार मेडिकोज, वीरभद्र रोड, निकट एम्स ऋषिकेश, देहरादून: फार्मासिस्ट की अनुपस्थिति, असंतोषजनक भंडारण और भौतिक क्षेत्रफल मानकों के अनुरूप न होने के कारण बंद किया गया और लाइसेंस निरस्त करने की सिफारिश की गई।
अपर आयुक्त जग्गी ने स्पष्ट किया कि औषधि एवं खाद्य सुरक्षा से संबंधित मानकों में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी और यह अभियान लगातार जारी रहेगा।

निरीक्षण में शामिल प्रमुख अधिकारी:

* श्री ताजबर सिंह जग्गी – अपर आयुक्त, खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन
* श्री गणेश कंडवाल – उपायुक्त (खाद्य), गढ़वाल मंडल
* श्री सुधीर कुमार – सहायक औषधि नियंत्रक
* श्री मानेंद्र सिंह राणा, श्री विनोद जगुड़ी, श्रीमती निधि रतूड़ी – औषधि निरीक्षक
* श्री मनीष सयाना – अभिहित अधिकारी, देहरादून